षटतिला एकादशी: भगवान विष्णु की कृपा का अद्भुत व्रत

षटतिला एकादशी: भगवान विष्णु की कृपा का अद्भुत व्रत

षटतिला एकादशी एक हिन्दू पर्व है जो हिन्दी पंचांग के अनुसार माघ महीने के कृष्ण पक्ष (वड़ी) में मनाया जाता है। इस एकादशी का विशेष महत्व है, और इसका आयोजन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत के साथ किया जाता है।

षटतिला एकादशी के दिन व्रत रखने वाले लोग उस दिन अन्न, दाना, गहूँ, मूंग और दही को छोड़कर बाकी सभी खाद्य पदार्थों से दूर रहते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य भगवान विष्णु की पूजा और उनकी कृपा को प्राप्त करना है।

षटतिला एकादशी का पालन करने से माना जाता है कि व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे भगवान की कृपा प्राप्त होती है। यह पर्व विभिन्न भागों में भारत में विभिन्न रूपों में मनाया जा सकता है, और इसकी विशेष रूप से पूजा की जाती है।

षटतिला एकादशी 2024 डेट

षटतिला एकादशी का व्रत 6 फरवरी 2024, मंगलवार को रखा जाएगा. इस उपवास को करने से जहां हमें शारीरिक पवित्रता और निरोगता प्राप्त होती है, वहीं अन्न, तिल आदि दान करने से धन-धान्य में बढ़ोत्तरी होती है.

षटतिला एकादशी 2024 मुहूर्त

पंचांग के अनुसार माघ कृष्ण पक्ष की एकादशी 5 फरवरी 2024 को शाम 05 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और 06 फरवरी 2024 को शाम 04 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी. पूजा का मुहूर्त - सुबह 09.51 - दोपहर 01.57

षटतिला एकादशी 2024 व्रत पारण समय

षटतिला एकादशी का व्रत पारण 7 फरवरी 2024 को सुबह 07.06 मिनट से सुबह 09.18 मिनट तक किया जाएगा.पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - दोपहर 02.02

षटतिला एकादशी की पूजा विधि

स्नान (शौच): पूजा के लिए तैयारी के रूप में सुबह नहाना या स्नान करना होता है।
पूजा स्थल की सजावट: एकादशी के दिन पूजा स्थल को सुधारना और सजाना चाहिए। भगवान विष्णु की मूर्ति, या उनकी छवि, को सजाकर स्थान को पवित्र बनाना चाहिए।
व्रत उद्यापन (उपवास का समापन): षटतिला एकादशी का व्रत सूर्यास्त के समय से लेकर दूसरे दिन के सूर्योदय तक रखा जाता है। उपवास का समापन व्रती व्यक्ति को द्वादशी तिथि के दिन करना चाहिए।
भगवान विष्णु की पूजा: षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करना महत्वपूर्ण है। इसके लिए तुलसी के पत्ते, फूल, दीप, धूप, अर्घ्य, नैवेद्य, और आरती के सामग्री का उपयोग किया जा सकता है।
व्रती भोजन: षटतिला एकादशी के दिन उपवासी व्रती भोजन करते हैं जो गहूँ, दही, मूंग, और फलों से बना होता है। इस भोजन को सूर्योदय से पहले करना चाहिए।
ध्यान और प्रार्थना: पूजा के समय भगवान विष्णु के ध्यान में रहना चाहिए और उनसे आपकी मनोकामनाएं मांगनी चाहिए।

षटतिला एकादशी के नियम

षटतिला एकादशी के दिन कुछ नियमों का पालन करना व्रती व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण होता है। ये नियम व्रती व्यक्ति के आत्मिक और शारीरिक शुद्धि को बढ़ावा देने का माध्यम होते हैं और उन्हें विष्णु भगवान की कृपा प्राप्त करने में मदद करते हैं। यहां कुछ आम नियम दिए जा रहे हैं:

नियमित उपवास : षटतिला एकादशी के दिन व्रती व्यक्ति को निरोग, ताजगी और शुद्धि की दृष्टि से उपवास करना चाहिए। इसका अर्थ है कि वह एक दिन के लिए बिना अनाज, दाल, फल, और दूध के उपभोग से दूर रहते हैं।
दान : षटतिला एकादशी के दिन दान करना भी महत्वपूर्ण है। व्रती व्यक्ति किसी गरीब को अनाज, कपड़ा, या आवश्यक सामग्री में सहायता कर सकता है।
तुलसी का पूजन : व्रती व्यक्ति को षटतिला एकादशी के दिन तुलसी माता की पूजा करनी चाहिए। तुलसी के पत्ते, फूल, और जल से उनकी पूजा की जाती है।
जागरूकता : व्रती को अपने मन को शुद्ध रखने और भगवान की उपासना में रहने के लिए जागरूक रहना चाहिए।
विष्णु भगवान की पूजा: षटतिला एकादशी के दिन व्रती व्यक्ति को विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए। इसमें विष्णु सहित लक्ष्मी और गणेश की पूजा शामिल हो सकती है।
ब्राह्मणों को भोजन : व्रती को षटतिला एकादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए जो अन्नदाता के रूप में भगवान की प्रतिष्ठा के योग्य माने जाते हैं।

षटतिला एकादशी का महत्व

हिन्दू धर्म में इसका महत्व कुछ कारणों से है:
पौराणिक महत्व: षटतिला एकादशी का महत्व पुराणों में वर्णित है। इस दिन भगवान विष्णु ने तपस्या करते हुए अपनी योग माया को त्यागकर सत्यभामा के साथ मिलने का निर्णय किया था।
पूर्वापर एकादशी: षटतिला एकादशी पूर्वापर एकादशी के रूप में भी जानी जाती है। इसका पालन करने से व्रती को पापों से मुक्ति मिलती है और उन्हें भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
आयुर्वेदिक महत्व: इस एकादशी के दिन व्रती व्यक्तियों का कहा जाता है कि वे अनेक बीमारियों से मुक्त होते हैं और उन्हें लंबी आयु प्राप्त होती है।
कानुनी महत्व: कुछ स्थानों में, षटतिला एकादशी को कानुनी अवस्था में शत्रुनाशक एकादशी के रूप में माना जाता है, जिसका अर्थ है कि इस दिन न्यायिक प्रक्रियाएं बंद की जाती हैं और लोगों को न्याय मिलता है।

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