बुधवार के उपाय

बुधवार के उपाय

बुधवार के उपाय

धार्मिक मान्यता के मुताबिक बुधवार के दिन खास तौर पर शिवजी और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना का विधान है। श्री गणेशजी को विघ्नहर्ता कहा जाता है। मान्यता है कि गणेश जी के आशिर्वाद से किसी भी काम में विघ्न नहीं पड़ता है और सभी कार्यों में सफलता मिलती है। जीवन में सुख समृद्धि के लिए इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा करनी चाहिए।

शास्त्रों में ऐसे कई उपाय हैं जो गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए बुधवार किए जाते हैं। बुधवार को यदि कुछ शास्त्रीय उपाय किए जाएं तो भगवान गणेश की कृपा पाई जा सकती है। मान्यता के मुताबिक बुधवार को विध्नहर्ता यानी भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष लाभ होता है। नारद पुराण में वर्णित श्रीगणेश जी के इन 12 नामों का बुधवार के दिन सुबह-शाम 108 बार जप करने से सभी विघ्नों का नाश हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुधवार के दिन भगवान श्रीगणेश जी के इन बारह नामों का ध्यान करने से भगवान गौरी नंदन गणेश अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसलिए अगर आप गणपति जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो अपने घर के ही पूजा में विधि-विधान से गणेश पूजा करें और उनके बारह नामों का 108 बार जप करते हुए ध्यान करने से सभी कार्य सफल हो जाते हैं

गणेश जी के 12 नाम

इस दिन ‘गं हं क्लौं ग्लौं उच्छिष्टगणेशाय महायक्षायायं बलिः’ या फिर ‘ओम गं गणपतये नमः’ मंत्र (Mantra) के जाप से सारे कष्ट दूर होते हैं और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी अच्छी हो जाती है। नारद पुराण के मुताबिक गणेश जी के 12 नाम हैं- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन।

बुधवार को गणेशजी के मंदिर में जाकर दर्शन करें।

श्री गणेश को हरी दूर्वा चढ़ाएं।

हर बुधवार को गाय को हरी घास खिलाएं।

बुधवार के दिन गणेशजी को सिंदूर अर्पित करें।

श्रीगणेश को सिंदूर चढ़ाने से समस्त परेशानियां दूर होकर सभी समस्याओं का समाधान होता है।

गणेश मंदिर में 7 बुधवार तक गुड़ का भोग चढ़ाएं, आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी।

मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त करने और बाधाएं दूर करने के हेतु गणेश रुद्राक्ष धारण करें।

गणेश जी को मूंग के लड्डुओं का भोग चढ़ाकर हर तरह की परीक्षा में पास होने के लिए प्रार्थना करें।

गणपति जी प्रथम पूज्य देवता हैं। इसलिए किसी भी शुभ काम की शुरुआत बिना इन्हें याद किये नहीं की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इनकी सच्चे मन से अराधना करने से रुके हुए कार्य बनने लगते हैं। मान्यता के मुताबिक इनके ध्यान मात्र से व्यक्ति के जीवन की सारी परेशानियां हल हो जाती है। इसी कारण तो किसी भी शुभ मांगलिक कार्यों को आरंभ करने से पहले श्री गणपति जी का न सिर्फ आवाहन किया जाता है बल्कि उनकी विशेष पूजा-अर्चना भी की जाती है।

अन्य संबंधित पोस्ट और लेख

#

मासिक शिवरात्रि नियम, क्या नहीं करनी चाहिए, क्या करना चाहिए और लाभ

मासिक शिवरात्रि नियम मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखने के लिए कुछ नियम और आचार्य किए जाते हैं। ये नियम भक्तों को शिव पूजा के दौरान और व्रत के दिनों में अनुसरण करने के लिए होते हैं। निम्नलिखित कुछ...

#

तुलसी विवाह :2023

तुलसी विवाह :2023 हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह मनाया जाता है। तुलसी को एक पवित्र पौधे के रूप में जाना जाता है। इस वर्ष तुलसी विवाह 23 नवंबर को किया जाएगा। तुलसी को...

#

रविवार व्रत कथा, पूजा विधि, आरती, मंत्र और महत्व,

रविवार व्रत कथा प्राचीन काल की बात किसी नगर में एक बुढ़िया रहती थी। वह हर रविवार को नियमित रूप से व्रत करती थी। इसके लिए रविवार के दिन वह सूर्योदय से पहले जागती और स्नानादि से निवृत्त होकर आंगन की...

#

सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की कहानी

सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की कहानी सूर्यवंशी कुल के राजा हरिश्चंद्र अयोध्या नगरी के एक प्रतापी राजा थे. राजा हरिश्चंद्र का जीवनकाल सतयुग से सम्बन्धित था. राजा हरिश्चंद्र की पत्नी रानी तारामती...

#

महाभारत में यक्ष द्वारा पूछे प्रश्न और उनके उत्तर

यक्ष प्रश्न महाभारत की प्रसिद्ध घटना है। यह अरण्य पर्व में पाया जाता है। यक्ष के प्रश्न का उत्तर देने में विफल रहने पर, नकुल, सहदेव, अर्जुन और भीम मारे जाते हैं, लेकिन जब युधिष्ठिर प्रश्नों का सही...

#

मार्गशीर्ष अमावस्या 2023

मार्गशीर्ष अमावस्या 2023: तिथियां और समय इस वर्ष की अमावस्या तिथि 12 दिसंबर, 2023 को 06:26:15 बजे शुरू होती है। और 13 दिसंबर, 2023 को 05:03:23 बजे समाप्त होती है। इस दौरान, ज्योतिषियों का मानना है कि ब्रह्मांड की ऊर्जा...

#

निर्जला एकादशी

निर्जला एकादशी बुधवार, 31 मई 2023 एकादशी तिथि प्रारंभ : 30 मई 2023 को दोपहर 01:07 बजे एकादशी तिथि समाप्त : 31 मई 2023 को दोपहर 01 बजकर 45 मिनट पर एकादशी का व्रत हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ज्येष्ठ मास...

#

दुर्गा सप्तमी - मां कालरात्रि

शुक्रवार, 8 अप्रैल, चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है। दुर्गा सप्तमी नवरात्रि पर्व का सातवां दिन है। इस दिन मां कालरात्रि की पूजन का विधान है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कालरात्रि दुष्टों...

#

पांडव निर्जला एकादशी की कथा

पांडव निर्जला एकादशी की कथा दिशानिर्देश और नियामक एक बार महाराजा युधिष्ठिर के छोटे भाई भीमसेन ने पांडवों के दादा, महान ऋषि श्री व्यासदेव से पूछा कि क्या एकादशी व्रत के सभी नियमों और विनियमों...

#

आइये जाने हिन्दू संवत्सर के बारे में

क्या होता है संवत्सर ? संवत्सर मूल रूप से वर्ष ही है भारतीय प्रणाली में वर्ष को संवत्सर कहा जाता है हिंदू धर्म बौद्ध धर्म और जैन धर्म के अनुसार कई प्रकार के संवत्सर प्रचलित हैं जैसे विक्रमी संवत...

#

मां महागौरी की चालीसा

मां महागौरी की चालीसा मन मंदिर मेरे आन बसो, आरम्भ करूं गुणगान, गौरी माँ मातेश्वरी, दो चरणों का ध्यान। पूजन विधी न जानती, पर श्रद्धा है आपर, प्रणाम मेरा स्विकारिये, हे माँ प्राण आधार। नमो नमो हे...

#

गौरी तपो व्रत

गौरी तपो व्रत हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने सबसे पहले भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए यह व्रत रखा था। वर्षों की 'तपो' के बाद अंततः उसे उसकी इच्छाएँ पूरी हुईं। तब से, उनके...

#

गुरु पूर्णिमा का इतिहास, तिथिऔर लोग गुरु पूर्णिमा कैसे मनाते हैं?

गुरु पूर्णिमा एक राष्ट्रीय व्यापी पर्व है जो इस संसार में गुरु के प्रति समर्पित है। गुरु शब्द का प्रयोग उस शिक्षक के लिए किया जाता है जो विद्यार्थी को कुछ भी सिखाता है। यदि हम इसे प्राचीन काल से...

#

हनुमान चालीसा के सभी दोहों और चौपाइयों का अर्थ हिंदी में ?

दोहा श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि । बरनउ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥ बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार । बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार॥ अर्थ : इन पंक्तियों...

#

दीपावली उत्सव

दिवाली रोशनी का त्योहार है. दिवाली के दिन सभी लोग अपने घरों में दीपक जलाते हैं। लोग अपने घरों को फूलों, दीयों, रंगोली और रोशनी से सजाते हैं। दिवाली एक त्यौहार है जिसे भारत में हिंदू मनाते हैं। यह...

#

भगवान गणेश की आरती और चालीसा

श्री गणेश जी की चालीसा दोहा जय गणपति सदगुणसदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥ चौपाई जय जय जय गणपति गणराजू। मंगल भरण करण शुभ काजू॥ जय गजबदन सदन सुखदाता। विश्व विनायक...

#

रवि पुष्य नक्षत्र

रवि पुष्य नक्षत्र वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है जो समृद्धि और सौभाग्य चाहने वाले व्यक्तियों के लिए अत्यधिक महत्व रखती है। आइए रवि पुष्य नक्षत्र की गहराई में उतरें और इसके लाभों,...

#

शनिवार व्रत कथा, पूजा विधि, आरती और मंत्र

शनिवार व्रत कथा, पूजा विधि, आरती शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है। शनि को कर्मफलदाता माना गया है जो लोगों को उनके अच्छे बुरे दोनों कर्मों का फल देते हैं। अगर जातक की कुंडली में...

#

माघ पूर्णिमा : आत्मा की प्रकाश की पूर्णिमा या धार्मिक समर्पण की पूर्णिमा

माघ पूर्णिमा व्रत एक हिन्दू धार्मिक व्रत है जो माघ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत हिन्दू परम्परा में महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे संगीत, ध्यान, धर्मिक कार्यों, और दान-धर्म के रूप...

#

काल भैरव जयंती 2023

मार्गशीर्ष माह 28 नवंबर 2023 से शुरू हो रहा है. शिव भक्तों के लिए काल भैरव जयंती बहुत खास होती है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप कालभैरव की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि काल भैरव की पूजा करने...

#

जय जय जय हनुमान गोसाई

बेगी हरो हनुमान महाप्रभु जो कछु संकट होय हमारो कौन सो संकट मोर गरीब को जो तुम से नहीं जात है टारो । जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज । जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज । तन में तुम्हरे...

#

सावन का महीना शिवजी की अराधना के लिए समर्पित

से शुरू हो रहा है सावन 2023 इस बार सावन का महीना करीब 2 महीने का होने वाला है। इस बार सावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से हो रही है और 31 अगस्त 2023 को इसका समापन होगा। यानी इस बार भक्तों को भगवान शिव की उपासना...

#

गुरुवार व्रत की कथा और आरती

गुरूवार व्रत की कथा प्राचीन समय की बात है. किसी राज्य में एक बड़ा प्रतापी तथा दानी राजा राज्य करता था. वह प्रत्येक गुरूवार को व्रत रखता एवं भूखे और गरीबों को दान देकर पुण्य प्राप्त करता था परन्तु...

#

गणेश चतुर्थी संपूर्ण व्रत कथा

एक समय की बात है कि प्रसेनजित उस मणि को पहने हुए ही कृष्णजी के साथ वन में आखेट के लिए गए। अशुचिता के कारण अश्वारूढ़ प्रसेनजित को एक शेर ने मार डाला। उस सिंह को रत्न लेकर जाते देखकर जाम्बवान ने मार...

#

मौन श्रद्धा: मौनी अमावस्या परंपराएँ

मौनी अमावस्या अपने आध्यात्मिक महत्व के लिए मनाई जाती है और विभिन्न धार्मिक मान्यताओं और प्रथाओं से जुड़ी है। मौनी अमावस्या का उत्सव हिंदू परंपराओं में निहित है, और यह दिन कई कारणों से मनाया जाता...

#

पशुपति व्रत, विधि, नियम, कथा, पूजन सामग्री, मंत्र, उद्यापन और फायदे

पशुपति व्रत कैसे करते हैं ,विधि? यदि आप पशुपति व्रत का पालन करने का इरादा रखते हैं, तो ऐसा करने का उचित तरीका जानना महत्वपूर्ण है। आपकी सहायता के लिए यहां कुछ दिशानिर्देश दिए गए हैं। पशुपति का...

#

मां कालरात्रि के पूजन मुहूर्त, मंत्र, पूजा विधि और आरती

शारदीय नवरात्रि का 21 अक्टूबर 2023, शनिवार को सातवां दिन है। यह दिन मां कालरात्रि को समर्पित है। मां कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है। मां की श्वास से आग निकलती है। मां के बाल बड़े और बिखरे हुए...

#

माँ काली चालीसा

॥दोहा॥ जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार । महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥ ॥ चौपाई ॥ अरि मद मान मिटावन हारी । मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥ अष्टभुजी सुखदायक माता । दुष्टदलन जग में विख्याता...

#

छठ पूजा 2023

छठ पूजा की महत्वपूर्ण तिथियां छठ पूजा भारत के सबसे पुराने त्योहारों में से एक है। “छठ” शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द “षष्ठी” से हुई है, जिसका अर्थ छठा दिन है, जो दर्शाता है कि यह त्योहार दिवाली...

#

शुक्राचार्य द्वारा भगवान शंकर के १०८ नामों का जप

शुक्राचार्य द्वारा भगवान शंकर के १०८ नामों का जप ॐ १. जो देवताओं के स्वामी, २. सुर-असुर द्वारा वन्दित, ३. भूत और भविष्य के महान देवता, ४. हरे और पीले नेत्रों से युक्त, ५. महाबली, ६. बुद्धिस्वरूप, ७....

#

रवि प्रदोष व्रत

दिसंबर माह में भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है दोनों प्रदोष व्रत रविवार को होने के कारण रवि प्रदोष व्रत होंगे दिसंबर को पहला प्रदोष व्रत 10 दिसंबर, रविवार और दूसरा...

#

द लेजेंड ऑफ पंडित श्रीधर

वैष्णो देवी से जुड़ी और भी कई किंवदंतियां हैं। उनमें से एक का संबंध है कि पांडवों ने पवित्र गुफा का दौरा किया और वहां एक मंदिर का निर्माण किया। उसके बाद, भयानक राक्षस राजा हिरण्यकशिपु के पुत्र...

#

नवदुर्गा: माँ दुर्गा के 9 रूप ।

। । या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: । । देवी माँ या निर्मल चेतना स्वयं को सभी रूपों में प्रत्यक्ष करती है,और सभी नाम ग्रहण करती है। माँ दुर्गा के...

#

गोवर्धन पूजा

पुरे भारत देश में सभी त्योहारों को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। वेदो के अनुसार गोवर्धन पूजा का हिन्दू धर्म में काफी महत्व है। यह त्यौहार कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया...

#

जया पार्वती व्रत का महत्व, अनुष्ठान और अन्य तथ्य

जया पार्वती व्रत का महत्व, अनुष्ठान और अन्य तथ्य जया-पार्वती व्रत आषाढ़ माह में मनाया जाने वाला पांच दिवसीय अनुष्ठान है। भारत के पश्चिमी भाग, विशेषकर गुजरात की अधिकांश महिलाएँ इसे बड़ी श्रद्धा...

#

जया एकादशी: भगवान विष्णु की कृपा के साथ अपने मन को शुद्ध करें

जया एकादशी, हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण एकादशी व्रत है जो फाल्गुण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस व्रत का मुख्य उद्देश्य भगवान विष्णु की पूजा करना है और भक्ति में लगकर मोक्ष...

#

कैलाश पर्वत एक अनसुलझा रहस्य, कैलाश पर्वत के इन रहस्यों से नासा भी हो चुका है हैरान!

कैलाश पर्वत, यह एतिहासिक पर्वत को आज तक हम सनातनी भारतीय लोग 'शिव का निवास स्थान' मानते हैं। शास्त्रों में भी यही लिखा है कि कैलाश पर शिव का वास है। किन्तु वही नासा जैसी वैज्ञानिक संस्था के लिए कैलाश...

#

भाई दूज 2023

भाई दूज दिवाली के बाद दूसरे दिन मनाया जाता है। भाई दूज का अर्थ नाम में ही दर्शाया गया है, क्योंकि यह एक भाई और एक बहन के बीच प्यार के रिश्ते को दर्शाता है। इस दिन एक बहन अपने भाई की सफलता और समृद्धि...

#

रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र और अर्थ

जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्‌। डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शिवम्‌ ॥१॥ उनके बालों से बहने वाले जल से उनका...

#

शुक्ल प्रदोष व्रत: भगवान शिव को समर्पित महत्वपूर्ण हिन्दू व्रत

शुक्ल प्रदोष व्रत, हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण एक व्रत है जो भगवान शिव को समर्पित है। इस व्रत को शुक्ल पक्ष के प्रदोष तिथि को मनाया जाता है, जो हिन्दू पंचांग के अनुसार हर मास के दूसरे तिथि होता है।...

#

दिवाली 2023

दिवाली, रोशनी का हिंदू त्योहार, भारत का सबसे प्रतीक्षित और सभी त्योहारों में सबसे उज्ज्वल है। दिवाली मूल शब्द "दीपावली" का संक्षिप्त रूप है, जो "दीपा" शब्द से बना है, जो दीपक या लालटेन को दर्शाता है,...

#

जानिए वसंत पंचमी पर कैसे करें मां सरस्वती को प्रसन्न और पाएं ये लाभ

मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए उपाय मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए आप निम्नलिखित उपायों का अनुसरण कर सकते हैं: श्रद्धापूर्वक पूजा करें: सरस्वती पूजा को श्रद्धापूर्वक और भक्तिभाव से...

#

हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारी भजन लिरिक्स

हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारी भजन लिरिक्स जो किस्मत जगत की बनावे हैं सारे तो क्यू ना चले हम उन्ही को पुकारे यही मंत्र जपते हैं ऋषि सन्त सारे यही मंत्र जपते हैं ऋषि सन्त सारे हरे कृष्ण गोविन्द...

#

भगवान शिव की कृपा: मासिक शिवरात्रि के पर्व का आध्यात्मिक दृष्टिकोण

मासिक शिवरात्रि, हिन्दू धर्म में हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाने वाली एक विशेष शिवरात्रि है। इसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है, क्योंकि इसे हर माह मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की...

#

देव दिवाली 2023

देव दिवाली देव दिवाली राक्षस त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की जीत के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन त्रिपुरासुर को हराया था। इस जीत का...

#

श्री गणेश जी की आरती, पूजा और स्तुति मंत्र

श्री गणेश जी की आरती जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी माथे पे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ जय गणेश,...

#

देवउठनी एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त

सनातन परंपरा में जिस कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की देवोत्थान या फिर कहें देवउठनी एकादशी पर श्रीहरि अपनी योगनिद्रा से जागते हैं और उसमें शादी-ब्याह जैसे मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है, उसकी तारीख,...

#

मेरे मालिक के दरबार में लिरिक्स

मेरे मालिक के दरबार में, सब का खाता, जो कोई जैसी करनी करता, वैसा ही फल पाता, क्या साधू क्या संत गृहस्थी, क्या राजा क्या रानी, प्रभू की पुस्तक में लिक्खी है, सबकी कर्म कहानी, अन्तर्यामी अन्दर...

#

कौवे की गरूड़ से दोस्ती

कौवे की गरुड़ से दोस्ती कहानी महाभारत (महाभारत) और भागवत गीता (भागवत गीता) की है। कई लोक कथाओं में भी इस कहानी (कहानी) का उल्लेख मिलता है। एक कौवे की गरुड़ से दोस्ती हो गई। दोनों काफी समय तक साथ रहे।...

#

बिल्व या बेल पत्र का महत्व

बिल्व पत्र का भगवान शंकर को प्रिय है। बिल्व पत्र का महत्व बिल्व तथा श्रीफल नाम से प्रसिद्ध यह फल बहुत ही काम का है। यह जिस पेड़ पर लगता है वह शिवद्रुम भी कहलाता है। बिल्व का पेड़ संपन्नता का प्रतीक,...