शेषनाग का निवास स्थान क्या है?

शेषनाग का निवास स्थान क्षीर सागर है उनको भगवान विष्णु की शैय्या भी कहते है जिस पर लक्ष्मी नारायण विराजमान रहते है मान्यताओं के अनुसार शेष ने अपने पाश्चात वासुकी और वासुकी ने अपने पश्चात् तक्षक को नागों का राजा बनाया वह सारे ग्रहों को अपनी कुंडली पर धरे हुए हैं। एक बार शेषनाग इस पृथ्वी को अपने फन पर धारण किया था। और तब से आज तक यह पृथ्वी शेषनाग के फन पर ही टिकी है।

शेषनाग, जिसे अक्षय नाग भी कहा जाता है, हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में एक महत्वपूर्ण नागराज के रूप में उल्लेख किया गया है। उनका निवास स्थान पाताल लोक कहा जाता है। पाताल लोक भारतीय पौराणिक संस्कृति में दर्शाया गया है कि यह भूमंडल के नीचे स्थित है, जहां नाग और अन्य अद्भुत प्राणियों का निवास है। शेषनाग को भगवान विष्णु के शेषशायी रूप के रूप में भी जाना जाता है, जो भगवान विष्णु के शयनकक्ष (शायनकक्ष) पर शेषनाग के ऊपर शयन करते हैं। इसके साथ ही उन्हें सृष्टि के संरक्षक के रूप में भी माना जाता है।

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