बलराम के शिष्यों के क्या नाम थे?

बलराम के दुर्योधन और भीमसेन ही शिष्य थे। बलराम ही एकमात्र ऐसे चरित्र हैं जो हमेशा अपना निष्पक्ष रूप दिखाते हैं। दुर्योधन और भीम  दोनों ही को गदा की शिक्षा बलराम जी ने दी थी।  शिष्य  होने के नाते वे दोनों को बराबर और अपना मानते थे, और उनके लिए पांडव और कौरव दोनों ही उनके अपने थे। महाभारत युद्ध  निश्चित देख कर वे दुःखी हो कर वहां की भूमि छोड़ कर चले गए थे। 

बलराम जी के शिष्यों के नाम कुछ पुराणों और ग्रंथों में उल्लिखित हैं। उनके प्रमुख शिष्यों में से कुछ निम्नलिखित हैं:
दौर्बल्य: यह उनका प्रमुख शिष्य था और बलराम के साथ मिलकर अनेक यात्राओं में गए थे।
सूत: यह भी बलराम के शिष्यों में से एक था।
ताल: यह भी एक प्रमुख शिष्य था जो उनके साथ संगठन और सेवा करता था।
चार्वक: यह भी उनके शिष्यों में एक था।
ये कुछ उनके प्रमुख शिष्यों के नाम हैं, लेकिन इसके अलावा भी अन्य शिष्य हो सकते हैं जो अलग-अलग पुराणों में उल्लेखित होंगे।

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