उस धनुष का नाम पिनाक था, जिसका उपयोग भगवान राम ने सीता स्वयंवर में किया था। माता सीता के पिता जनक महाराज लगता है पृथ्वी पर अब कोई बचा ही नहीं जो स्वयंवर जीतने का साहस कर सके? तब लक्ष्मण जी भी क्रोधित होकर सभा में बोलने लगे, तब गुरु की आज्ञा पाकर श्रीराम ने सीता स्वयंवर का धनुष तोड़ दिया। उसके बाद बहुत धूमधाम से श्री राम या माता सीता का विवाह हुआ राम के साथ उनके चारो भाई का विवाह भी माता सीता की बहनो के साथ हुआ फिर सभी ने अयोध्या की ओर प्रस्थान किया।