भक्ति की एक रात: शुभ महा शिवरात्रि!
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह हर साल हिंदू पंचांग के माघ मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार पर भगवान शिव की पूजा और उनके ध्यान में लोग जागरूकता बढ़ाते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन लोग अपने घरों और शिव मंदिरों में भगवान शिव की पूजा करते हैं। कुछ लोग रात को जागरण करते हैं और शिव की आराधना करते हैं। इस दिन को भगवान शिव की विशेष अराधना, पूजा, व्रत, मेला आदि के साथ मनाते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन कई लोग निराहार रहते हैं और शिव मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं। यह त्योहार हिन्दू धर्म में भगवान शिव की अमृत तत्व को ध्यान में रखते हैं और उनके ध्यान और भक्ति में लगे रहते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन लोग शिव की चारों योगिनियों (काली, तारा, चिन्नमस्ता, भैरवी) को भी पूजते हैं और उनके चालीसा, भजन आदि गाते हैं। यह त्योहार हिंदू कैलेंडर में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे पूरे उत्तर भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि 8 मार्च 2024 को रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी। यह तिथि अगले दिन 9 मार्च 2024 को सुबह 6 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी। महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त : रात्रि 12:07 बजे से 12:56 बजे तक। सर्वार्थ सिद्धि योग : सुबह 06:38 से 10:41 तक।
महाशिवरात्रि की पूजा को विधिवत और ध्यानपूर्वक करने के लिए कुछ आवश्यक तत्व
ये तत्व निम्नलिखित हो सकते हैं:
शिवलिंग: पूजा के लिए शिवलिंग की आवश्यकता होती है। आप एक पूजा स्थल को शिवलिंग के आसपास स्थापित कर सकते हैं।
बेल पत्र: शिव को प्रसन्न करने के लिए बेल पत्र का उपयोग किया जाता है।
धूप और दीप: धूप और दीप के साथ अर्चना किया जाता है।
अभिषेक सामग्री: शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए गंगाजल, धारा, धनिया पत्ते, दूध, दही, घी, शहद आदि का उपयोग किया जा सकता है।
फल और मिठाई: पूजा के बाद फल और मिठाई को भगवान शिव को अर्पित किया जाता है।
पूजा की विधि निम्नलिखित रूप से होती है:
पूजा स्थल को साफ-सुथरा करें और शिवलिंग को साफ पानी से धोकर साफ करें।
शिवलिंग पर गंगाजल और दूध का अभिषेक करें।
शिवलिंग को बेल पत्र, धारा, धनिया पत्ते, शहद, घी, आदि से अर्चना करें।
शिवलिंग की पूजा के बाद फल, मिठाई, नैवेद्य आदि को शिवलिंग को समर्पित करें।
मंत्रों का जाप करें और शिव की आरती गाएं।
मंत्रों का जाप
इस दिन लोग विभिन्न मंत्रों का जाप करते हैं, जिनमें भगवान शिव की महिमा और शक्ति का गुणगान होता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण मंत्रों का उल्लेख किया जा रहा है, जो महाशिवरात्रि के दिन जप किए जा सकते हैं:
ॐ नमः शिवाय : यह मंत्र भगवान शिव की प्रतिष्ठित मंत्र माना जाता है। इसका जाप करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और आत्मा की शांति मिलती है।
ॐ नमः शिवाय, हर हर भोले नमः शिवाय: यह मंत्र भगवान शिव की आराधना में उत्कृष्ट माना जाता है। इसका जाप करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और अनंत आनंद का अनुभव होता है।
महामृत्युंजय मंत्र: "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥" यह मंत्र मृत्यु के भय को दूर करने और जीवन की रक्षा के लिए प्रसिद्ध है।
शिव तांडव स्तोत्र(रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र और अर्थ)
: इस स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव की प्रसन्नता होती है और शक्ति का अनुभव होता है।
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