सुषेण वैद्य

सुषेण वैद्य

सुषेण वैद्य

सुषेण वैद्य सुग्रीव के ससुर थे। पहले ये लंका के राजा राक्षसराज रावण के राजवैद्य थे। बालि की पत्नी अप्सरा तारा सुषेण की धर्म पुत्री थीं। बालि वध के बाद तारा का विवाह सुग्रीव से कर दिया गया था। वैसे बालि की पत्नी रूमा थीं। अंगद बालि का पुत्र था।

श्रीरामचरित मानस के लंका कांड में सुषेण वैद्य का जिक्र आता है। युद्ध में मेघनाद की शक्ति से श्रीराम के भाई लक्ष्मण अचेत हो गए थे। विभीषण ने राम को बताया कि लंका के राजवैद्य सुषेण लक्ष्मण को बचा सकते हैं। श्रीराम के कहने पर हनुमान जी सुषेण वैद्य को लंका से उनके भवन सहित ले आए थे। लक्ष्मण का परिक्षण करने के बाद सुषेण वैद्य ने उनका उपचार संजीवनी बूटी बताया था। सुषेण के बताए अनुसार हनुमान को हिमालय में द्रोणागिरी पहाड़ियों से चार पौधे लाने का निर्देश दिया: मृत्युसंजीवनी (जीवन को बहाल करने वाला), विशालाकरणी (तीर हटाने वाला), संधानकरणी (त्वचा को बहाल करने वाला) ) और सवर्ण्यकर्णी (त्वचा के रंग को बहाल करने वाले) जैसा कि श्रीमद वाल्मीकि रामायण के में वर्णित है।

सुषेण वैद्य ने संजीवनी बूटी से दवा बनाकर लक्ष्मण को पुन: चेतन्य किया था। इसके बाद रामायण में कहीं भी सुषेण वैद्य का जिक्र नहीं आता है। हालांकि उनकी कहानी यहीं खत्म नहीं हुई थी। रावण के वध के बाद सुषेन ने श्रीराम से भेंट की और खुद को अपनी शरण में लेने का अनुरोध किया था। श्रीराम सुषेण वैद्य के अनुरोध पर उन्हें अपने साथ ले आए और उन्हें अपनी ननिहाल कौशल राज्य में भेज दिया। सुषेण वैद्य ने अपना शेष जीवन यही बिताया।

सुषेण वैद्य से संबंधित प्रमुख प्रश्न

Read All Questions

सुषेण वैद्य से संबंधित प्रमुख कहानियाँ

Read All Stories