सुदामा
सुदामा
सुदामा का जन्म पोरबंदर के एक गरीब व्यक्ति के रूप में हुआ था। सुदामा जिसे कुचेला (दक्षिणी भारत में) के नाम से भी जाना जाता है सुदामा और कृष्ण ने उज्जयिनी के सान्दीपनि आश्रम में एक साथ अध्ययन किया था। उज्जैन (अवंतिका) में बचपन में भगवान श्रीकृष्ण और बलराम ऋषि सांदीपनि के आश्रम में पढ़ते थे सुदामा के बारे में बहुत कुछ कहते हैं कि सुदामा जी अपने ग्राम अस्मावतीपुर (वर्तमान पोरबन्दर) में भिक्षा मांगकर अपना जीवनयापन करते थे। विवाह के बाद वे अपनी पत्नी सुशीला और बच्चों को बताते रहते थे सुदामा एक गरीब ब्राह्मण थे। श्रीकृष्ण के बचपन के दोस्त थे सुदामा जी हर किसी को एक सच्चे और अच्छे मित्र होने की सीख दी है जीवन में सुदामा जैसा दोस्त किसी खुशकिस्मत इंसान को ही प्राप्त होता है।
चन्दनं शीतलं लोके,चन्दनादपि चन्द्रमाः ! चन्द्रचन्दनयोर्मध्ये शीतला साधुसंगतिः !!
इस दुनिया में चन्दन को सबसे अधिक शीतल माना जाता है पर चन्द्रमा चन्दन से भी शीतल होती है लेकिन एक अच्छे मित्र चन्द्रमा और चन्दन दोनों से शीतल होते है|