आरती संग्रह
हिंदी में "आरती संग्रह" का तात्पर्य आरती के संकलन या संग्रह से है। आरती हिंदू धार्मिक समारोहों के दौरान किसी देवता की स्तुति में गाया जाने वाला एक भक्ति गीत है। ये गीत परमात्मा के प्रति श्रद्धा, प्रेम और भक्ति व्यक्त करते हैं। आरती संग्रह में आम तौर पर विभिन्न हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित विभिन्न प्रकार की आरती शामिल होती है।
धार्मिक समारोहों या घरों में, लोग अक्सर आरती समारोह करने के लिए आरती संग्रह पुस्तकों या संग्रह का उपयोग करते हैं। इन संग्रहों में विभिन्न अवसरों, त्योहारों और विशिष्ट देवताओं के लिए आरतियाँ शामिल हो सकती हैं। "संग्रह" शब्द का अंग्रेजी में अनुवाद "संग्रह" या "संकलन" होता है, इसलिए "आरती संग्रह" का मूलतः अर्थ है आरती का संकलन।
आरती एक भक्ति भजन या गीत है जो किसी देवता के प्रति श्रद्धा, प्रेम और भक्ति व्यक्त करने के लिए गाया जाता है। आरती हिंदू धार्मिक अनुष्ठानों और समारोहों का एक अभिन्न अंग है। वे पूजा (पूजा) के दौरान किए जाते हैं और आमतौर पर देवता के सामने रोशन दीपक या मोमबत्तियाँ लहराने के साथ होते हैं।
आरती संग्रह इन आरतियों का एक संग्रह है, जिसे अक्सर एक पुस्तक या पुस्तिका में संकलित किया जाता है। इस संकलन में विभिन्न हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित आरतियाँ शामिल हैं। आरती संग्रह का उद्देश्य भक्तों को विभिन्न अवसरों, त्योहारों या घर या मंदिरों में नियमित पूजा के दौरान आरती करने का एक सुविधाजनक और व्यवस्थित तरीका प्रदान करना है। लोग अक्सर अपनी धार्मिक प्रथाओं के दौरान आरती के छंदों और संगीत का पालन करने के लिए आरती संग्रह पुस्तकों का उपयोग करते हैं। इन संग्रहों में विशिष्ट देवताओं जैसे भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी, भगवान शिव और कई अन्य लोगों की आरती शामिल हो सकती है।
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मां दुर्गा की आरती
मां दुर्गा की आरती जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।। जय अम्बे गौरी,...। मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को। उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।। जय अम्बे...

आध्यात्मिक वातावरण के लिए प्रत्येक बुधवार करे ये आरती
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महा देवा (जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महा देवा) 1, 2, 3, 4 गणपति का जय जयकार 1, 2, 3, 4 गणपति का जय जयकार एक दन्त दया वंत चार भुजा...

श्री कृष्ण आरती - आरती कुंजबिहारी की
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भगवान विष्णु जी की आरती
भगवान विष्णु जी की आरती ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥ ॐ जय जगदीश हरे। जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का। स्वामी दुःख विनसे मन का। सुख सम्पत्ति घर...

धन वैभव की प्राप्ति में सहायक माँ लक्ष्मी जी की आरती
मां लक्ष्मी जी की आरती- ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता मैया जी को निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि...

अम्बे तू है जगदम्बे काली
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली । तेरे ही गुण गाये भारती, ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥ तेरे भक्त जनो पर, भीर पडी है भारी माँ । दानव दल पर टूट पडो, माँ करके सिंह सवारी । सौ-सौ सिंहो...

बालाजी की आरती
बालाजी की आरती ॐ जय हनुमत वीरा, स्वामी जय हनुमत वीरा । संकट मोचन स्वामी, तुम हो रनधीरा ॥ ॐ जय हनुमत वीरा... पवन पुत्र अंजनी सूत, महिमा अति भारी । दुःख दरिद्र मिटाओ, संकट सब हारी ॥ ॐ जय हनुमत वीरा... बाल...

देवी शैलपुत्री जी की आरती
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श्री राम आरती
श्री राम आरती श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन, हरण भवभय दारुणम्। नव कंज लोचन, कंज मुख कर कंज पद कंजारुणम्॥ ॥श्री रामचन्द्र कृपालु..॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि, नव नील नीरद सुन्दरम्। पट पीत मानहुं...

श्रद्धा के साथ करें हनुमान जी की आरती, पूरी होगी हर इच्छा
हनुमान जी की आरती आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की। आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।। जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके। अंजनि पुत्र महाबलदायी।...

भगवान शनि की कृपा बरसेगी करे शनिवार के दिन शनि देव की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥॥ जय जय श्री शनिदेव..॥ श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥॥ जय जय श्री शनिदेव..॥ क्रीट मुकुट...

सूर्य उपासना में आवश्यक - सूर्य आरती
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कुबेर जी की आरती
कुबेर जी की आरती ॐ जय यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे। शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे। ॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥ शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े। दैत्य...

सरस्वती माता की आरती
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सरस्वती पूजा आरती
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता। सद्गुणवदात्री, वरदायिनी रत्नरूपिणी रमा। हंसवाहिनी या विद्या, ग्यानप्रदे देहि नमः। मोहभंगिनी राजराजेश्वरि, तुभ्यं नमो नमः। चन्द्र हासिनी, मुक्तकेशी,...

हर हर गंगे, जय मां गंगे, हर हर गंगे, जय मां गंगे ॥
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता । जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥ चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता । शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता ॥ ॥ ओम जय गंगे माता..॥ पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता...

आरती श्री जनक दुलारी की
आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी, परम दयामयी दिनोधारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥ आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर...

जय जय तुलसी माता
जय जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता । सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता ॥ ॥ जय तुलसी माता...॥ सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर । रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता ॥ ॥ जय तुलसी माता...॥ बटु पुत्री है श्यामा, सूर...