विश्वामित्र

विश्वामित्र

विश्वामित्र

विश्वामित्र वैदिक काल के विख्यात ऋषि (योगी) थे। ऋषि विश्वामित्र बड़े ही प्रतापी और तेजस्वी महापुरुष थे। ऋषि धर्म ग्रहण करने के पूर्व वे बड़े पराक्रमी और प्रजावत्सल नरेश थे !

रचनाएँ

विश्वमित्र जी को गायत्री मन्त्र का दृष्टांत हुआ।

विश्वामित्र से संबंधित प्रमुख प्रश्न

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विश्वामित्र से संबंधित प्रमुख कहानियाँ

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त्रिशंकु की स्वर्गयात्रा

त्रिशंकु की स्वर्गयात्रा

त्रिशंकु सशरीर स्वर्ग जाना चाहते थे अतः इसके लिये उन्होंने वशिष्ठ जी अनुरोध किया किन्तु वशिष्ठ जी ने इस कार्य के लिये अपनी असमर्थता जताई। त्रिशंकु ने यही प्रार्थना वशिष्ठ जी के पुत्रों से भी...

विश्वामित्र  का महर्षि वशिष्ठ से प्रतिशोध

विश्वामित्र का महर्षि वशिष्ठ से प्रतिशोध

सम्पूर्ण धनुर्विद्या का ज्ञान प्राप्त करके विश्वामित्र बदला लेने के लिये वशिष्ठ जी के आश्रम में पहुँचे। उन्हें ललकार कर विश्वामित्र ने अग्निबाण चला दिया। वशिष्ठ जी ने भी अपना धनुष संभाल लिया...

अहिल्या उद्धार

अहिल्या उद्धार

प्रातःकाल जब राम और लक्ष्मण ऋषि विश्वामित्र के साथ मिथिलापुरी के वन उपवन आदि देखने के लिये निकले तो उन्होंने एक उपवन में एक निर्जन स्थान देखा। राम बोले, "भगवन्! यह स्थान देखने में तो आश्रम जैसा...

क्षत्रिय राजा के रूप में विश्वामित्र

क्षत्रिय राजा के रूप में विश्वामित्र

प्रजापति के पुत्र कुश, कुश के पुत्र कुशनाभ और कुशनाभ के पुत्र राजा गाधि थे। विश्वामित्र जी उन्हीं गाधि के पुत्र थे। विश्वामित्र शब्द विश्व और मित्र से बना है जिसका अर्थ है- सबके साथ मैत्री अथवा...

विश्वामित्र को ब्राह्मणत्व की प्राप्ति

विश्वामित्र को ब्राह्मणत्व की प्राप्ति

देवताओं के चले जाने के बाद विश्वामित्र भी ब्राह्मण का पद प्राप्त करने के लिये पूर्व दिशा में जाकर कठोर तपस्या करने लगे‌।‌ इस तपस्या को भ़ंग करने के लिए नाना प्रकार के विघ्न उपस्थित हुए किन्तु...